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बॉब एसडीपी (एक आवर्ती जमा योजना)
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लाभ
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विशेषताएं
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सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
बॉब एसडीपी (एक आवर्ती जमा योजना) : लाभ
बॉब एसडीपी (एक आवर्ती जमा योजना) : विशेषताएं
उत्पाद का स्वरूप | एक बुनियादी मासिक बचत योजना, जो ग्राहकों को तरलता के साथ उच्च रिटर्न के लिए अपनी बचत को विनियमित करने में मदद करती है. |
मुख्य लाभ |
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पात्रता |
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लक्ष्य समूह | नाबालिग, किसान, वेतनभोगी लोग, व्यवसायी, स्वरोजगार, पेशेवर, व्यापारी, गृहिणियों सहित सभी व्यक्ति. क्लब, संघ, शैक्षिक संस्थान, सोसायटी, भागीदारी और संयुक्त स्टॉक कंपनियां |
किस्तों का अंतराल | मासिक |
किश्त राशि |
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अवधि: | न्यूनतम 6 महीने और अधिकतम 120 महीने, यानी आरडी की अवधि 6,9,12,15,18,21,24…………120 महीने के लिए हो सकती है. |
जमा की परिपक्वता | |
ब्याज दर |
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नामांकन सुविधा | नामांकन सुविधा उपलब्ध होगी. |
स्रोत पर कर कटौती | ब्याज भुगतान प्रचलित आयकर अधिनियम के अनुसार स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के अधीन है. |
जमाराशियों की जमानत पर ऋण/ओवरड्राफ्ट की उपलब्धता |
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अन्य नियम व शर्तें | आवर्ती जमा पर लागू अन्य सभी नियम व शर्तें इन उत्पादों के तहत भी लागू होंगी. |
किश्त के भुगतान में विलाभ होने पर : |
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समयपूर्व खाताबंदी |
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Tax Deduction At Source | Interest payment is subject to Tax Deducted at source (TDS) as per prevailing Income Tax ACT. However, tax is deducted at source (TDS) on deposits that earn interest more than Rs 40,000/- in a financial year. |
बॉब एसडीपी (एक आवर्ती जमा योजना) : सबसे महत्वपूर्ण नियम और शर्तें (एमआईटीसी)
पात्रता
सभी वैयक्तिक एवं गैर-वैयक्तिक
जमा राशि
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न्यूनतम
- रु. 1000/- और रु.100 के गुणकों में
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अधिकतम
- कोई ऊपरी सीमा नहीं
जमा अवधि
न्यूनतम - 12 महीने
अधिकतम - 120 महीने
ब्याज की दर
जमा की परिपक्वता अवधि के अनुसार
ब्याज का भुगतान
तिमाही चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान अर्धवार्षिक रूप से किया जाएगा
परिपक्वता पूर्व बंदी
रु. 5 लाख तक की जमाराशियों के समय-पूर्व भुगतान के मामले में समय-पूर्व भुगतान के लिए कोई दण्ड नहीं लगाया जाएगा बशर्ते कि जमाराशियां बैंक में न्यूनतम 12 माह की अवधि के लिए जमा रही हों. रू. 5 लाख से अधिक व रू. 1 करोड़ तक की जमाराशि के परिपक्वता पूर्व खाता बंद कराने पर जमा रखते समय लागू दर अथवा संविदा दर, जो भी कम हो, पर 1% का दण्ड वसूला जाएगा.
रू. 1 करोड़ से अधिक की जमाराशि के परिपक्वतापूर्व बंदी के लिए निम्नलिखित शर्तें लागू होंगी.
- ग्राहक द्वारा 31 दिनों की पूर्व सूचना देना आवश्यक है एवं
- जमाराशि को बैंक में रखे जाने की अवधि के लिए लागू ब्याज दर पर 1.50% की दर से दण्ड वसूल किया जाएगा.
स्वतः नवीकरण
जमा न्यूनतम 12 महीने की अवधि के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगा
ऋण/ओवरड्राफ्ट की उपलब्धता
मांग किए जाने पर ऋण की तिथि को खाते में बकाया राशि के 95% तक ओवरड्राफ्ट/ऋण प्रदान किया जाता है. समय-समय पर बैंक के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार ब्याज प्रभारित किया जाएगा.
अन्य
सरकारी विभागों द्वारा प्रतिभूति के रूप में स्वीकृत
गैर-निधि आधारित गतिविधियों के लिए मार्जिन के रूप में स्वीकृत
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दर: केवल 1 करोड़ से कम जमा पर रु.0.50% की दर से अतिरिक्त ब्याज देय है.
- नामांकन की सुविधा : नामांकन की सुविधा उपलब्ध
- स्रोत पर कर कटौती: आयकर नियमों के अनुसार टीडीएस की कटौती की जाएगी. यदि कोई व्यक्ति फॉर्म 15G/15H लागू जमा करता है तो कोई टीडीएस नहीं काटा जाएगा.
- परिपक्वता पर या उससे पहले ब्याज की गणना की विधि: "घरेलू सावधि जमा के सभी मामलों में जहां टर्मिनल तिमाही अधूरी है, ब्याज की गणना वर्ष 365/366 दिनों की गणना करते हुए, वास्तविक दिनों की संख्या के लिए की जानी चाहिए, अर्थात ब्याज की गणना ऐसी जमाराशियों पर पूर्ण तिमाहियों और दिनों के क्रम में होना चाहिए. ब्याज की गणना और चक्रवृद्धि तिमाही अंतराल पर की जाएगी.
- टीडीएस प्रमाणपत्र: सभी ग्राहकों को टीडीएस प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा.
- अतिदेय जमा: यदि परिपक्वता की तारीख के बाद नवीकरण अनुरोध प्राप्त होता है, तो ऐसी अतिदेय जमाराशि परिपक्वता की तारीख से देय तिथि पर लागू ब्याज दर पर नवीकृत की जाएगी, बशर्ते ऐसा अनुरोध जमा की परिपक्वता के 14 दिनों के भीतर प्राप्त हो, जिसके बाद ब्याज अतिदेय अवधि के लिए बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा.
- जमाराशियों के एवज में अग्रिम: यह सुविधा नाबालिग खाते में एकल नाम और एचयूएफ में उपलब्ध नहीं है. यदि ब्याज 2 तिमाहियों से अधिक के लिए जमा नहीं किया जाता है, तो सावधि जमा को तुरंत विभाजित किया जाएगा.
- ग्राहक के अनुरोध पर उपलब्ध ब्याज प्रमाणपत्र
- जमा प्रमाणपत्र : सावधि जमा रसीद प्रदान की जाती है
- ग्राहक के अनुरोध पर सावधि जमा को एक शाखा से दूसरी शाखा में अंतरित किया जा सकता है.
- भुगतान का माध्यम : परिपक्वता राशि ग्राहक के बचत बैंक/चालू खाते में जमा की जाती है. ऐसे मामलों में जहां ग्राहक के कोई ऑपरेटिव खाते नहीं हैं, रू. 20,000 से कम की परिपक्वता राशि नकद में दी जा सकती है उससे अधिक राशि हेतुर डीडी/पे आर्डर जारी किया जाएगा.
- 10 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अधिकतम रु. 1,00,000 तक की राशि के साथ नाबालिग खाते खोले जा सकते हैं.
बल्क डिपॉजिट (थोक जमा) (1 करोड़ रुपये से अधिक)
- खुदरा सावधि जमा के तहत उपरोक्त किसी भी योजना के तहत बल्क डिपॉजिट (थोक जमा) खाता खोला जा सकता है.
- बैंक रु.25 करोड़ से अधिक जमा स्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखता है.
- थोक जमाराशियों के लिए ब्याज दर रिटेल सावधि जमाओं से अलग होती है जिसे नियमित रूप से बैंक की वेबसाइट पर अपडेट किया जाता है.
- बैंक परिपक्वता पूर्व भुगतान के लिए अनुरोध स्वीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखता है क्योंकि ग्राहक द्वारा खाता खोलने के समय इस बारे में सहमति ली जाती है. समयपूर्व भुगतान अनुरोध की स्वीकृति पर, दंडात्मक क्लॉज वही होगा जो खुदरा सावधि जमा के तहत योजनाओं में होता है.
ब्याज भुगतान :
- भारतीय रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार सावधि जमाराशियों पर ब्याज की गणना तिमाही चक्रवृद्धि अंतराल पर की जाएगी और जमाराशियों की अवधि के आधार पर बैंक द्वारा निर्धारित दर पर भुगतान किया जाएगा. मासिक जमा योजना के मामले में ब्याज की गणना चक्रवृद्धि आधार पर तिमाही के लिए की जाएगी और डिस्काउंटिड वैल्यू पर मासिक भुगतान किया जाएगा. सावधि जमाओं बैंक द्वारा पर ब्याज की गणना भारतीय बैंक संघ द्वारा बताए गए सूत्रों और विधि के अनुसार की जाती है.
- 2 तिमाही और उससे अधिक की जमाराशियों के लिए ब्याज की गणना पूर्ण तिमाहियों के लिए तिमाही चक्रवृद्धि आधार पर की जाती है और जहां अंतिम तिमाही अधूरी होती है वहां ब्याज की गणना वर्ष में 365/366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए आनुपातिक रूप से की जाती है.
- जमा रसीद में उल्लिखित परिपक्वता राशि की गणना टीडीएस पर ध्यान दिए बिना की जाती है. छमाही (तिमाही चक्रवृद्धि) के लिए ब्याज की गणना करते समय, पिछली छमाही के लिए गणना किए गए ब्याज (तिमाही चक्रवृद्धि) की राशि में से टीडीएस को घटा कर प्राप्त राशि को चालू छमाही के लिए ब्याज की गणना हेतु मूल राशि में जोड़ा जाएगा.
- 2 तिमाहियों से कम लेकिन 1 तिमाही से अधिक की अल्पावधि जमाराशियों के मामले में पूर्ण तिमाही के लिए साधारण ब्याज का भुगतान किया जाएगा और वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए शेष दिनों के लिए ब्याज (चक्रवृद्धि किए बिना) दिया जाएगा.
- एक तिमाही से कम की अल्पावधि जमाराशियों के लिए वर्ष में 365-366 दिनों को ध्यान में रखते हुए दिनों की वास्तविक संख्या के लिए अनुपातिक आधार पर ब्याज की गणना की जाती है.
- एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान विभिन्न परिपक्वता अवधियों के लिए समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार गणना की गई दरों पर किया जाएगा. एफसीएनआर जमाराशियों पर ब्याज का भुगतान एक वर्ष में 360 दिनों के आधार पर किया जाएगा और प्रत्येक 180 दिनों के अंतराल पर इसकी गणना की जाएगी.
- दिनांक 1 जुलाई, 1995 से सावधि जमाराशियों पर ब्याज भुगतान से स्रोत पर आयकर की कटौती (आयकर अधिनियम 1961 की धारा 194ए) की जाएगी.
- वरिष्ठ नागरिकों के अलावा गैर-कॉर्पोरेट ग्राहक – पैन के साथ फॉर्म नं.15जी (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी).
- वरिष्ठ नागरिक अर्थात् 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति – पैन के साथ फॉर्म नं.15एच (दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से प्रभावी). दिनांक 1 अप्रैल, 2010 से आयकर विभाग ने ऐसे सभी मामलों में, जहां टीडीएस लागू है, कटौती करने वालों द्वारा स्थायी खाता संख्या (पैन) उद्धृत करना अनिवार्य कर दिया है, ऐसा न किए जाने पर 20% की उच्च दर (10% की सामान्य दर के आपेक्ष) या सामान्य दर, जो भी अधिक हो, पर टीडीएस की कटौती होगी. इसके अलावा, दिनांक 1 अप्रैल 2010 से फॉर्म संख्या 15जी / 15एच पर पैन का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है.
- बैंक तिमाही आधार पर कटौती की गई कर की राशि के लिए सिस्टम जनरेटेड कर कटौती प्रमाणपत्र (टीडीएस सर्टिफिकेट) जारी करेगा.
- भारत में आयकर अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत एनआरई एवं एफसीएनआर सावधि जमाराशियों पर अर्जित/ उपचित ब्याज भारत में कर मुक्त है और इसलिए इन जमाराशियों के संबंध में स्रोत पर कोई कर कटौती नहीं की जाएगी. “एनआरओ जमाराशियों के मामले में” जमाकर्ता प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में बैंक द्वारा निर्धारित दस्तावेज प्रस्तुत कर डबल टैक्स अवॉइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए), जो भारत ने विभिन्न देशों की सरकारों के साथ किया है, के तहत कर की कम दरों के लाभ हेतु दावा कर सकता है.
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तथापि, एनआरओ सावधि जमा पर प्रदत्त / देय किसी भी ब्याज पर विनिर्दिष्ट दरों पर स्रोत पर कर कटौती करना बैंक का सांविधिक दायित्व है. यदि दोहरा कराधान बचाव संधि (डबल टैक्स अवॉइडेंस ट्रीटी) के तहत लागू घोषणापत्र के साथ पैन प्रस्तुत किया जाता है - ग्राहक के निवास के देश में लागू दर पर टीडीएस की कटौती की जाती है.
- यदि घोषणापत्र के बिना पैन प्रस्तुत किया जाता है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- यदि पैन के बिना घोषणापत्र प्रस्तुत किया जाता है - सामान्य दर या 20% की दर, जो भी अधिक हो, से टीडीएस कीकटौती की जाएगी.
- यदि पैन और घोषणापत्र प्रस्तुत नहीं किया है - @30% की दर से टीडीएस की कटौती की जाएगी.
- सभी ब्याज भुगतानों को रुपये में पूर्णांकित किया जाएगा.
- सावधि जमा खाताधारकों को उनकी जमाराशि रखते समय परिपक्वता की तारीख को जमा खाते को बंद करने या आगे की अवधि के लिए जमा के नवीकरण के संबंध में अनुदेश दिए जा सकते हैं. ऐसे अधिदेश के अभाव में बैंक जमा राशि को निम्नानुसार नवीकृत करेगा.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से अधिक अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर एक वर्ष के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
- यदि जमा राशि एक वर्ष से कम अवधि के लिए रखी गई है तो यह नियत तारीख पर प्रचलित दर पर उसी अवधि के लिए स्वतः नवीकृत हो जाएगी.
तदनुसार बैंक ने निम्नलिखित पद्धति अपनाई है :
“घरेलू सावधि जमाराशि (एक वर्ष से अधिक के लिए रखी गई जमा राशि) के ऐसे सभी मामलों में जहां तिमाही अपूर्ण है वहां ब्याज की गणना पूर्ण तिमाही और वर्ष के 365 / 366 दिनों को ध्यान में रखते हुए वास्तविक दिनों की संख्या के आधार पर की जानी चाहिए अर्थात् ऐसी जमाराशियों पर ब्याज की गणना संपूर्ण तिमाहियों और दिनों के अनुसार की जाएगी.
ऐसे मामलों में आयकर की कटौती की जाएगी जहां किसी जमाकर्ता के नाम पर बैंक में उसके एकल नाम पर या संयुक्त रूप से (पहले नाम वाले व्यक्ति के रूप में) रखी गई सभी सावधि जमाराशियों पर प्रदत्त या जमा कुल ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के तहत प्रति वित्तीय वर्ष के लिए निर्दिष्ट सीमा से अधिक है. कर की कटौती खाते को क्रेडिट करते समय या जमाकर्ता को ब्याज का भुगतान करते समय, इनमें से जो भी पहले हो, की जाएगी, जो समय-समय पर कर सीमा हेतु पात्र ब्याज सीमाओं में परिवर्तन के अधीन होगी.
यदि जमाकर्ता प्रति वर्ष अप्रैल माह की समाप्ति से पहले निम्नलिखित फॉर्म जमा करता है, तो कोई कर कटौती नहीं की जाएगी.
यदि ग्राहक अवधि में परिवर्तन करना चाहता है या सावधि जमा को समयपूर्व आहरित करना चाहता है, तो ग्राहक के लिखित अनुरोध पर इसकी अनुमति है. प्रतिदेय (कॉलेबल) योजना के अंतर्गत रखी गई जमाराशियों के मामले में थोक जमाराशि का समयपूर्व आहरण बैंक के विवेकाधिकार पर किया जाता है.
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